हम ने सीखा है मोहब्बत करना एक इक दिल पे हुकूमत करना हम भी तारीख़ बदल सकते हैं शर्त है हिम्मत-ओ-जुरअत करना ज़ेब देता नहीं इंसानों को किसी इंसाँ की इबादत करना रख के ख़ुद अपनी ज़रूरत को उधार पूरी औरों की ज़रूरत करना शब की तारीकी में सीखा हम ने चाँद तारों की तिलावत करना आख़िरी साँस तलक जीवन की मर्द की शान है मेहनत करना फ़र्ज़ से हज के है अफ़ज़ल 'हाफ़िज़' बूढे माँ-बाप की ख़िदमत करना