हम से चुनाँ-चुनीं न करो हम नशे में हैं हम जो कहें नहीं न करो हम नशे में हैं नश्शा कोई ढकी-छुपी तहरीक तो नहीं हर-चंद तुम यक़ीं न करो हम नशे में हैं ऐसा न हो कि आप की बाँहों में आ गिरें आँखों को ख़शमगीं न करो हम नशे में हैं बातें करो निगार ओ बहार ओ शराब की अज़्कार-ए-शर-ओ-दीं न करो हम नशे में हैं ये वक़्त है 'अदम' की तवाज़ो' का साहिबो तंग अपनी आस्तीं न करो हम नशे में हैं