हम से वफ़ा करें कि वो हम पर जफ़ा करें पाएँ ख़ुदा से हम जो बुतों से दग़ा करें सय्याद उड़ा दिया मुझे सर से उतार कर सदक़े तिरे हुमा तिरे सर पर उड़ा करें वो दिन ख़ुदा दिखाए कि हम भी उन्हें सताएँ ये नाज़नीं हसीन हमारा गिला करें आँखों में अश्क आए तो हँसने का लुत्फ़ क्या इतना न गुदगुदाओ कि हम रो दिया करें समझा दे जा के तू ही उन्हें ऐ निगाह-ए-यास अब कोसने का वक़्त नहीं है दुआ करें रख लें हम आप लाओ दिल-ए-बे-क़रार में ऐसा न हो कि तीर तुम्हारे ख़ता करें हम लाख पारसाओं के इक पारसा सही मौक़े से तुम को पाएँ तो बतलाओ क्या करें पज़मुर्दा फूल बन के रहे ना-मुराद दिल खिल कर तुम्हारे हार की कलियाँ हँसा करें वो दिन कहाँ 'रियाज़' वो रातें कहाँ 'रियाज़' बैठे हुए किसी की बलाएँ लिया करें