हमारे ख़्वाब गिरते जा रहे थे सो हम आँखें बदलते जा रहे थे हमारे पास कोई भी नहीं था प हम साए से डरते जा रहे थे भरा था हसरतों से डस्टबिन भी सफ़ाई दिल में करते जा रहे थे उदासी इस क़दर लिपटी हुई थी दर-ओ-दीवार हँसते जा रहे थे कहानी सर पटक कर रो रही थी सभी किरदार मरते जा रहे थे