हमा-तन जलवा-फ़िशाँ माह-ओ-चराग़ाँ की तरह

हमा-तन जलवा-फ़िशाँ माह-ओ-चराग़ाँ की तरह
कौन आया दिल-ए-पुर-शौक़ में मेहमाँ की तरह

गूँज उठी ग़म-कदा-ए-रूह में उस की आवाज़
ख़्वाब में बहते हुए चश्मा-ए-इरफ़ाँ की तरह

ज़ेहन-ए-फ़नकार में मानिंद-ए-शुऊ'र-ए-नग़्मा
सफ़्हा-ए-दिल पे है वो नज़्म के उनवाँ की तरह

ज़ौ-फ़िशाँ मेरे सनम-ए-ख़ाना-ए-अफ़्क़ार में है
लब-ए-मासूम कोई ला'ल-ए-बदख़्शाँ की तरह

अहरमन बन के तआ'क़ुब में रही ज़ुल्मत-ए-शब
छुप गया कोई मिरी रूह में यज़्दाँ की तरह

बरहना-पा-ओ-सरासीमा थी तौक़ीर-ए-बशर
वो मिरे साथ रहा अज़्मत-ए-इंसाँ की तरह

मिज़ा आलूदा-ब-ख़ूँ चश्म-ए-तमन्ना ख़ूँ-बार
सीना-ए-दहर में हूँ ज़ख़्म-ए-नुमायाँ की तरह

ऐ मिरे हम-दम-ए-दिल-गीर दुआ दे मुझ को
उस के क़दमों पे रहूँ शाख़-ए-गुल-अफ़्शाँ की तरह

जल उठी शम-ए-तमन्ना सर-ए-मेहराब-ए-विसाल
कौन आता है ये ख़ुर्शीद-ए-फ़रोज़ाँ की तरह


Don't have an account? Sign up

Forgot your password?

Error message here!

Error message here!

Hide Error message here!

Error message here!

OR
OR

Lost your password? Please enter your email address. You will receive a link to create a new password.

Error message here!

Back to log-in

Close