हमदर्दी की ज़रा भी ज़रूरत नहीं मुझे एहसाँ कोई उठाने की आदत नहीं मुझे हाँ लालची हूँ और ज़ियादा की है हवस इतने क़लील पर तो क़नाअत नहीं मुझे दरकार थी जो चीज़ वो ना-पैद हो चुकी वाफ़िर वही है जिस की ज़रूरत नहीं मुझे सब कुछ बिगाड़ के ही न रख दूँ किसे ख़बर इस काम में ज़रा भी महारत नहीं मुझे वो बात बस उमूमी रवय्यों के बारे थी तुम से वगर्ना कोई शिकायत नहीं मुझे तुम होते हो तो लगता है सब कुछ भरा भरा जैसे किसी भी चीज़ की क़िल्लत नहीं मुझे इक राय मए-दलील यहाँ पेश करनी है मक़्सूद वर्ना अपनी वकालत नहीं मुझे आराम ही में इतना मैं मशग़ूल हूँ कि अब ऐसे फ़ुज़ूल कामों की फ़ुर्सत नहीं मुझे अन्दर तो ख़ैर दूर कि फ़िलहाल इधर कहीं बाहर भी बैठने की इजाज़त नहीं मुझे हर काम करता हूँ बड़े आराम से मैं 'गुल' और इस मुआ'मले में तो उजलत नहीं मुझे