हर किसी की यही इक कहानी मिली ढूँढी ख़ुशियाँ तो ग़म की निशानी मिली ख़ौफ़ से शहर सहमे मिले थे सभी ग़म-ज़दा उन में उन की जवानी मिली एक अर्सा हुआ जो न हँस के मिले हँसती तस्वीर उन की पुरानी मिली हम रहे बद-दुआ' से सदा बे-असर हम को माँ की दुआ आसमानी मिली रोटी दो थी तो इक भूके से बाँट ली हम को तहज़ीब ये ख़ानदानी मिली