हर मौक़े की हर रिश्ते की ढेर निशानी उस के पास एल्बम के हर इक फोटो की एक कहानी उस के पास शहर वो साहूकार है जिस को कोस रहा है हर कोई ये सच भी सब को मालूम है दाना-पानी उस के पास अम्माँ की बातों में आँखें सुख-दुख सपने सब तो हैं राम-कहानी उस के पास कबिरा-बानी उस के पास कई ख़ज़ाने क़िस्से वाले इक बच्चे के पास मिले दादा दादी उस के पास नाना नानी उस के पास सोच रहा हूँ गाँव में जा कर कुछ दिन अब आराम करूँ वहीं कहीं पर रख आया हूँ नींद पुरानी उस के पास