हसीन ऐसा था वो कि पड़ते नज़र गया दिल फिर उस ने इक दिन ज़बान खोली उतर गया दिल बदलते मौसम से लुत्फ़-अंदोज़ हो रहा था अचानक उस का ख़याल आया तो डर गया दिल शुरूअ' दिन से ही हम ने मजनूँ की पैरवी की शुरूअ' दिन से उधर चले हम जिधर गया दिल ज़रा मोहब्बत की मैं ने मिक़दार क्या बढ़ाई वो तंग-दिल था सो उस का जल्दी से भर गया दिल