हिज्र हो या विसाल कुछ भी हो अब नहीं कुछ मलाल कुछ भी हो देखना है किसी को जी भर के मेरी आँखों का हाल कुछ भी हो ख़ूबसूरत है देखने से तिरे आइना या सिफ़ाल कुछ भी हो तेरी तस्वीर बनती जाती है मेरा अपना ख़याल कुछ भी हो ज़िंदगी तेरे नाम कर दी है अब हमारा मआल कुछ भी हो आसमाँ बोलता नहीं 'आसिम' आदमी का सवाल कुछ भी हो