कोई उस शहर में...
कोई उस शहर में कब था उसका
उसे यह ज़ो'म कि रब था उसका
उसकी रग-रग में उतरती रही आग
उसके अंदर ही ग़ज़ब था उसका
वही सिलसिला-ए-तार-ए-नफ़स
वही जीने का सबब था उसका
सिद्क़-जदा था वो शहज़ादा कमाल
बस यही नाम-ओ-नसब था उसका।
Translation:
ज़ो'म= गर्व
सिद्क़= सच
This is a great शायरी कोई दीवाना कहता है.