अपने हमराह जो आते हो इधर से पहले,
दश्त पड़ता है मियां इश्क़ में घर से पहले
चल दिये उठके सू-ए-शहर-ए-वफ़ा कू-ए-हबीब,
पूछ लेना था किसी ख़ाक बसर से पहले
इश्क़ पहले भी किया हिज्र का ग़म भी देखा,
इतने तड़पे हैं न घबराये न तरसे पहले
जी बहलता ही नहीं अब कोई सअत कोई पल,
रात ढलती ही नहीं चार पहर से पहले
हम किसी दर पे न ठिठके न कहीं दस्तक दी,
सैकड़ों दर थे मेरी जां तेरे दर से पहले
चाँद से आँख मिली जी का उजाला जागा,
हमको सौ बार हुई सुबह सहर से पहल।
This is a great अपने पराये शायरी. True lovers of shayari will love this शायरी पहले प्यार की. Shayari is the most beautiful way to express yourself and this अपने शायरी fb is truly a work of art. For some people shayari is the most enjoyable thing in life and they absolutely adore अपने बारे मे शायरी. You can click on the More button to get more मेरे महबूब शायरी. Please share if you liked it.