वही गर्दिशें वही...
वही गर्दिशें वही पेच-ओ-ख़म तेरे बाद भी
वही हौसले मेरे दम बा दम तेरे बाद भी
तेरे साथ थी तेरी जफ़ा मुझे मो'अतबार
तेरे सारे ग़म मुझे मोहतरम तेरे बाद भी
मेरे साथ ही मेरी हर ख़ुशी तेरी मुन्तज़िर
तेरी मुन्तज़िर मेरी चश्म-ए-नम तेरे बाद भी
तू किसी के क़लब-ओ-आरज़ू में ढल गया
मैं ना हो सका कभी खुद में जम्म तेरे बाद भी
मेरे बाद कितने ही रूप तूने बदल लिए
मैं वहीँ हूँ अब तेरी कसम तेरे बाद भी।
This is a great गर्दिश शायरी. True lovers of shayari will love this गर्दिश पर शायरी.