ज़रा-सी देर में
ज़रा-सी देर में दिलकश नज़ारा डूब जायेगा
ये सूरज देखना सारे का सारा डूब जायेगा
न जाने फिर भी क्यों साहिल पे तेरा नाम लिखते हैं
हमें मालूम है इक दिन किनारा डूब जायेगा
सफ़ीना हो के हो पत्थर, हैं हम अंज़ाम से वाक़िफ़
तुम्हारा तैर जायेगा हमारा डूब जायेगा
समन्दर के सफर में किस्मतें पहलू बदलती हैं
अगर तिनके का होगा तो सहारा डूब जायेगा
मिसालें दे रहे थे लोग जिसकी कल तलक हमको
किसे मालूम था वो भी सितारा डूब जायेगा।