हो ख़ुशी में तिरी ख़ुशी मेरी काश ऐसी हो ज़िंदगी मेरी मक़्सद-ए-ज़िंदगी समझता हूँ काम आई है बे-सरी मेरी छीन कर आप ने मिरी ख़ुशियाँ कर दीं बेकार ज़िंदगी मेरी मुझ को एहसास हो गुनाहों का कर दो बेदार आगही मेरी 'फ़ैज़' का दिल न तोड़िए साहब बख़्श दीजे मुझे ख़ुशी मेरी