होश-ज़दा नादान से डर बात समझ इंसान से डर तर्क-ए-मोहब्बत भी है फ़रेब ठहरे हुए तूफ़ान से डर राह-ए-जुनूँ है राह-ए-नजात कुफ़्र से भाग ईमान से डर दूरी-ओ-क़ुर्बत कुछ भी नहीं इश्क़ में इत्मीनान से डर मौत भी इतनी तल्ख़ नहीं दोस्तों के एहसान से डर एक तबस्सुम कम न समझ आँसुओं के तूफ़ान से डर होंठ हँसें दिल रोए 'ख़ुमार' इश्क़ की झूटी शान से डर