होश-ओ-हवास जब से हमारे चले गए जो यार-ए-ग़म-गुसार थे सारे चले गए ऐ चारागर वो देख तिरे दर से ना-मुराद बीमार-ए-इश्क़ यास के मारे चले गए एहसान नाख़ुदा का उठाना था नागवार उस पार हम ख़ुदा के सहारे चले गए इस बे-ख़ुदी की ख़ैर तिरी जुस्तुजू में हम अपना ही नाम आप पुकारे चले गए दिल में लिए शिकायत-ए-बे-मेहरी-ए-जहाँ जौर-ओ-जफ़ा के दर्द के मारे चले गए होश-ओ-हवास ताब-ओ-तवाँ ज़ौक़-ए-बंदगी हम से ये ज़िंदगी के सहारे चले गए दुनिया से जब रवाना हुए हम गुनाहगार सर मुँह छुपाए शर्म के मारे चले गए 'आज़म' पलट के आएँ वो मुमकिन कहाँ भला आसूदगी में दिन जो गुज़ारे चले गए