हूँ तेरे तसव्वुर में मिरी जाँ हमा-तन-चश्म दिल है मिरा जूँ आईना हैराँ हमा-तन-चश्म ता एक नज़र देखे तुझे ऐ मह-ए-ताबाँ रहता है सदा महर-ए-दरख़्शाँ हमा-तन-चश्म आँखों को मले ताकि तिरे पाँव के नीचे हर नक़्श-ए-क़दम से है बयाबाँ हमा-तन-चश्म दीवानगी मेरी के तहय्युर में शब-ओ-रोज़ है हल्क़ा-ए-ज़ंजीर से ज़िंदाँ हमा-तन-चश्म उस आईना-रू के है तसव्वुर में 'नज़ीर' अब हैरत-ज़दा नज़्ज़ारा परेशाँ हमा-तन-चश्म