इक निगाह-ए-दिलबरी मेरी तरफ़ ज़िंदगी आ जाएगी मेरी तरफ़ सीम-ओ-ज़र का इक शजर उस के लिए शाख़-ए-इल्म-ओ-आगही मेरी तरफ़ मेरे अंदर भी अँधेरा है बहुत रौशनी ऐ रौशनी मेरी तरफ़ सैर-ए-गुल सैर-ए-चमन सब उस के नाम शहर भर की ना-ख़ुशी मेरी तरफ़ दस्त-ए-मजनूँ के हिरन काले हुए बर्फ़ सी गिरती हुई मेरी तरफ़ उस के दस्त-ए-नाज़ में लाखों हुनर मेरा पा-ए-ना-रसी मेरी तरफ़ मैं कि 'नामी' पासदार-ए-फ़िक्र-नौ जुर्म-हा-ए-गुफ़्तनी मेरी तरफ़