इस तरह मिल कि मुलाक़ात अधूरी न रहे ज़िंदगी देख कोई बात अधूरी न रहे बादलों की तरह आए हो तो खुल कर बरसो देखो इस बार की बरसात अधूरी न रहे मेरा हर अश्क चला आया बराती बन कर जिस से ये दर्द की बारात अधूरी न रहे पास आ जाना अगर चाँद कभी छुप जाए मेरे जीवन की कोई रात अधूरी न रहे मेरी कोशिश है कि मैं उस से कुछ ऐसे बोलूँ लफ़्ज़ निकले न कोई बात अधूरी न रहे तुझ पे दिल है तो 'कुँवर' दे दे किसी के दिल को जिस से दिल की भी ये सौग़ात अधूरी न रहे