इश्क़ भी करना है हम को और ज़िंदा भी रहना है इश्क़ में मरने वालों से शर्मिंदा भी रहना है तुम को एक यही देना है सब कुछ है आसान मुश्किल मेरी है मुझ को आइंदा भी रहना है रखनी है बुनियाद भी अपने अलग घराने की वक़्त की संगत में उस का ज़िंदा भी रहना है बहुत मोहज़्ज़ब होना भी कब है ख़तरे से ख़ाली अंदर जंगल जंगल एक दरिंदा भी रहना है दिल तो बुझता जाता है 'एहसास'-मियाँ जी का शब से शर्त लगी है तो ताबिंदा भी रहना है