इश्क़ की अंजुमन की बात करें फिर किसी गुल-बदन की बात करें भूल भी जाएँ तीरगी-ए-हयात मुस्कुराती किरन की बात करें इस जहाँ से ख़िज़ाँ का दौर गया लहलहाते चमन की बात करें क्या ज़रूरी है जू-ए-शीर की बात क्यूँ न गंग-ओ-जमन की बात करें सुर्ख़ आँचल में कसमसाई हुई सुब्ह की इस दुल्हन की बात करें साथियो गाओ इंक़िलाबी गीत आओ दार-ओ-रसन की बात करें