इश्क़ नहीं कोई नहंग है यारो दुश्मन-ए-नाम-ओ-नंग है यारो सब्र बिन और कुछ न लो हमराह कूचा-ए-इश्क़ तंग है यारो शम्अ'-रू पर न हुए क्यूँ कर डोर दिल हमारा पतंग है यारो बात ऊस तिफ़्ल-ख़ू की रम्ज़-आमेज़ मुज दिवाने को संग है यारो तिल है तिरयाक चश्म जाम-ए-शराब सब्ज़ा-ए-ख़त यू बंग है यारो ज़ुल्फ़ का दिलरुबा की आज ख़याल दिल कूँ क़ैद-ए-फ़रंग है यारो ऊस परी-रू सीं और 'हातिम' सीं रात दिन सुल्ह ओ जंग है यारो