इश्क़ में सर को झुकाना आप क्या जानें भला टूट कर रिश्ता निभाना आप क्या जानें भला इश्क़ का इज़हार करना तक नहीं मालूम है दिल-लगी में जाँ लुटाना आप क्या जानें भला आसमाँ में जब हवा की साज़िशें हों हर तरफ़ तब पतंगों को उड़ाना आप क्या जानें भला जब चराग़ों की हिफ़ाज़त आप से होती नहीं सुब्ह का सूरज उगाना आप क्या जानें भला उड़ रही तितली गिरा दी है ज़मीं पर आप ने तितलियों के पर उठाना आप क्या जानें भला आप तो ये सोचते हैं सब बयाँ चेहरे से है दर्द में भी मुस्कुराना आप क्या जानें भला