इतना बे-आसरा नहीं हूँ मैं आदमी हूँ ख़ुदा नहीं हूँ मैं है अभी मेरी जुस्तुजू जारी यानी ख़ुद को मिला नहीं हूँ मैं मैं ने दावा किया न होने का मुझ को मालूम था नहीं हूँ मैं निकल आया मैं ज़ात से बाहर अपने अंदर रहा नहीं हूँ मैं मैं जो हूँ मैं भी अस्ल में तुम हूँ मेरी जाँ दूसरा नहीं हूँ मैं तुम मुझे जान ही नहीं सकते अक्स हूँ आइना नहीं हूँ मैं हूँ बुरा, मानता हूँ मैं लेकिन इस क़दर भी बुरा नहीं हूँ मैं दूसरों की तो बात ही है अलग अपना भी हम-नवा नहीं हूँ मैं राज़-ए-सर-बस्ता की तरह 'साहिर' अभी ख़ुद पर खुला नहीं हूँ मैं