इतना यक़ीन रख कि गुमाँ बाक़ी रहे एक ज़रा कार-ए-जहाँ बाक़ी रहे बाक़ी रहे यादों की इक क़ौस-ए-क़ुज़ह यानी मिरी जा-ए-अमाँ बाक़ी रहे शोरिश-ए-ख़ूँ रक़्स-ए-जुनूँ ख़त्म न हो क़हक़हा-ए-हम-नफ़्साँ बाक़ी रहे आता रहे यूँ ही सदा मौसम-ए-गुल सिलसिला-ए-दिल-ज़दगाँ बाक़ी रहे क़ाफ़िला-ए-ग़म गुज़राँ की भी सुना हौसला-ए-हम-सफ़राँ बाक़ी रहे क़ैद-ए-क़फ़स शोर-ए-नफ़स किस के लिए किस के लिए रिश्ता-ए-जाँ बाक़ी रहे आँखों से छिन जाएँ इक इक ख़्वाब मगर उस की तलब दिल का धुआँ बाक़ी रहे