जब मैं उस के घर को जाया करता था दरवाज़ा ख़ुद ही खुल जाया करता था वो उस का किरदार निभाया करती थी मैं अपना किरदार निभाया करता था वो चूल्हे में रोटी सेका करती थी मैं जंगल से लकड़ी लाया करता था खुल जाते थे पतझड़ के मौसम में भी मैं पेड़ों को शेर सुनाया करता था जब जब मैं रोया करता था साहिल पर दरिया मुझ को देख के रोया करता था