जब शिकायत थी कि तूफ़ाँ में सहारा न मिला अब किनारे पे भी आए तो किनारा न मिला बे-सहारों को कहीं कोई सहारा न मिला कोई तूफ़ाँ न मिला कोई किनारा न मिला हाथ उट्ठे ही नहीं साग़र ओ मीना की तरफ़ हम को जब तक तिरी आँखों का इशारा न मिला चल न सकता था कभी अहल-ए-हवस का जादू तुझ को ऐ दोस्त कोई इश्क़ का मारा न मिला जिस ने देखा हमें दुश्मन की नज़र से देखा तेरी महफ़िल में कोई दोस्त हमारा न मिला मौत बेहतर है 'शमीम' उस के लिए जीने से जिस को जीने के लिए कोई सहारा न मिला