जब तक दर-ए-ऐवान जलाया नहीं जाता तब तक किसी हाकिम को जगाया नहीं जाता ज़ालिम के सितम से हो अगर ख़ल्क़-ए-ख़ुदा तंग दुनिया उसे क्या मार गिराया नहीं जाता पीरान-ए-अजम कीजिए तदबीर अभी आप दिल से तो मिरे कर्ब का साया नहीं जाता मक़्दूर अगर हो तो वो पहुँचाना सुहूलत जम्हूर को उँगली पे नचाया नहीं जाता हालात बदल सकते हैं करवट किसी लम्हे हो जंग तो घोड़े को सधाया नहीं जाता 'आदिल' जो कमाया हुआ है दाग़-ए-मोहब्बत ये दाग़ ज़माने को दिखाया नहीं जाता