ज़मीन लोगों से डर गई है By Ghazal << जहाँ है क़द उस का जल्वा-फ... सफ़र-ए-मंज़िल-ए-शब याद नह... >> ज़मीन लोगों से डर गई है समुंदरों में उतर गई है ख़मोशियों में सदा गजर की ख़याल के पर कतर गई है खड़े हैं बे-बर्ग सर झुकाए हवा दरख़्तों को चर गई है हमें तो नींद आएगी न लेकिन ये रात भी तो ठहर गई है कहाँ भटकते फिरोगे 'अल्वी' सड़क से पूछो किधर गई है Share on: