ज़ुल्म है तख़्त ताज सन्नाटा ख़ौफ़ क़ानून राज सन्नाटा गुफ़्तुगू तीर सी लगी दिल में अब है शायद इलाज सन्नाटा सो गईं यादें बुझ गई उम्मीद घर में कितना है आज सन्नाटा लोग दिल की कहें तो कैसे कहें चाहता है समाज सन्नाटा अपनी आदत कि सब से सब कह दें शहर का है मिज़ाज सन्नाटा