जवानी ज़िंदगानी है न तुम समझे न हम समझे ये इक ऐसी कहानी है न तुम समझे न हम समझे हमारे और तुम्हारे वास्ते में इक नया-पन था मगर दुनिया पुरानी है न तुम समझे न हम समझे अयाँ कर दी हर इक पर हम ने अपनी दास्तान-ए-दिल ये किस किस से छुपानी है न तुम समझे न हम समझे जहाँ दो दिल मिले दुनिया ने काँटे बो दिए अक्सर यही अपनी कहानी है न तुम समझे न हम समझे मोहब्बत हम ने तुम ने एक वक़्ती चीज़ समझी थी मोहब्बत जावेदानी है न तुम समझे न हम समझे गुज़ारी है जवानी रूठने में और मनाने में घड़ी-भर की जवानी है न तुम समझे न हम समझे मता-ए-हुस्न-ओ-उल्फ़त पर यक़ीं कितना था दोनों को यहाँ हर चीज़ फ़ानी है न तुम समझे न हम समझे अदा-ए-कम-निगाही ने किया रुस्वा मोहब्बत को ये किस की मेहरबानी है न तुम समझे न हम समझे