जिन को मालूम नहीं पीर-पराई क्या है ख़ाक समझेंगे मोहब्बत में जुदाई क्या है चंद ख़त और कई सूखे हुए गुल-दस्ते एक आशिक़ को भला और कमाई क्या है हम तो दोनों ही अमीरों की तरह देते हैं हम फ़क़ीरों को दुआ और दुहाई क्या है बा-ख़ुदा हम से मोहब्बत के मरीज़ों के लिए उन के दीदार से बेहतर भी दवाई क्या है नाम सुनते ही मोहब्बत का ख़ुदा याद आया तुम ने भी मेरी तरह ख़ूब निभाई क्या है