जिस का दर्द बटाओगे उस से रंज उठाओगे सब को दोस्त बनाओगे सब को दुश्मन पाओगे दीवाने को मत समझाओ! दीवाने कहलाओगे दूर न जाओ नज़रों से दुनिया में खो जाओगे महफ़िल महफ़िल छुपते हो ख़ल्वत ख़ल्वत पाओगे तन-आसानी कहती है मुश्किल में पड़ जाओगे 'मोहसिन' जो समझाते हो ख़ुद को भी समझाओगे