जिस को ढूँडा जिसे चाहा न मिला By Ghazal << जो गया फिर वो याद आया नही... चाहे भले हों चाहे बुरे हो... >> जिस को ढूँडा जिसे चाहा न मिला या'नी हम को कोई तुझ सा न मिला यूँ तो हर आँख में अफ़्साने थे जो गुनाहों में बसा था न मिला ज़िंदगी मौत मोहब्बत हसरत तेरे मिलने से हमें क्या न मिला Share on: