जीते हैं कैसे ऐसी मिसालों को देखिए पर्दा उठा के चाहने वालों को देखिए क्या दिल जिगर है चाहने वालों को देखिए मेरे सुकूत अपने सवालों को देखिए अब भी हैं ऐसे लोग कि जिन से सबक़ मिले दिल मुर्दा है तो ज़िंदा मिसालों को देखिए क्या देखते हैं आप बहार-ए-नुमू अभी जब एड़ियाँ तक आएँ तो बालों को देखिए तबक़े ज़मीन के हों कि औराक़-ए-आसमाँ क़ुदरत के दिल-फ़रेब रिसालों को देखिए हिम्मत को देखिए कि वही मर्द-ए-कार है फ़ौजों को देखिए न रिसालों को देखिए तक़लीद क्यूँ ख़याल-ओ-ज़बाँ में किसी की हो अपने ख़याल अपने मक़ालों को देखिए दुश्मन पे भी निगाह रहे ऐब में है वो ये क्या कि सिर्फ़ चाहने वालों को देखिए हो सरसरी न गोर-ए-ग़रीबाँ पे इक नज़र उन के दिमाग़ उन के ख़यालों को देखिए साक़ी की चश्म-ए-मस्त का नज़्ज़ारा कीजिए सहबा को देखिए न पियालों को देखिए दिल देखिए कि तकमिला-ए-शौक़ हो 'अज़ीज़' मस्जिद को देखिए न शिवालों को देखिए