जो दिल को पहले मयस्सर था क्या हुआ उस का जो इस सुकून से बेहतर था क्या हुआ उस का कहाँ लिए चली जाती है मुझ को वीरानी यहीं कहीं पे मिरा घर था क्या हुआ उस का कुछ ऐसे अश्क पिए हैं कि अब ख़बर ही नहीं इस आँख में जो समुंदर था क्या हुआ उस का नज़र गई सो गई पर कोई बताए मुझे बड़े कमाल का मंज़र था क्या हुआ उस का ये सोचने नहीं देता सितमगरों का हुजूम कि वो जो पहला सितम-गर था क्या हुआ उस का मैं सुब्ह ख़्वाब से जागा तो ये ख़याल आया जो रात मेरे बराबर था क्या हुआ उस का मैं जिस के हाथ लगा हूँ उसे मुबारक हो मगर जो मेरा मुक़द्दर था क्या हुआ उस का