जो सामने तूफ़ान के आया नहीं करते हम ऐसे चराग़ों को जलाया नहीं करते जो सुन के उड़ा देते हों हर बात हँसी में अहवाल उन्हें दिल के सुनाया नहीं करते किस तरह फले-फूले मोहब्बत ये हमारी वो रूठ तो जाते हैं मनाया नहीं करते रखते हैं मोबाइल में मोहब्बत की निशानी अब फूल किताबों में छुपाया नहीं करते तादाद सितारों की ज़ियादा तो है लेकिन सूरज के मुक़ाबिल कभी आया नहीं करते रिज़वान बने बैठे हैं वो लोग यहाँ पर जो पैर कभी माँ के दबाया नहीं करते कहते हैं बड़े बूढे की घट जाती हैं इज़्ज़त हर रोज़ किसी के यहाँ जाया नहीं करते