जो साया सा मुनव्वर था मिरे साजन का थोड़ा था मुक़द्दर यूँ अभी रौशन मिरे आँगन का थोड़ा था वो मेरा कुछ नहीं था फिर भी मुझ को याद आता है हमारे बीच का नाता किसी बंधन का थोड़ा था अँधेरे में तो शमशीरें ही देखी जा सकीं लेकिन उजाले में जो देखा था लहू दुश्मन का थोड़ा था तुम्हारी लकड़ियाँ पूरी तरह सूखी नहीं होंगी अब उन के जल न पाने में क़ुसूर ईंधन का थोड़ा था जवानी का था कुछ हिस्सा बुढ़ापे की बताऊँ क्या मेरी बे-ताबियों का सिलसिला बचपन का थोड़ा था