जुनूँ ख़ुद-नुमा ख़ुद-नगर भी नहीं By Ghazal << दिल जिसे चाहे वही चेहरा ज... नहीं है आशियाँ लेकिन है ख... >> जुनूँ ख़ुद-नुमा ख़ुद-नगर भी नहीं ख़िरद की तरह कम-नज़र भी नहीं किसी राहज़न का ख़तर भी नहीं कि दामन में गर्द-ए-सफ़र भी नहीं ग़म-ए-ज़िंदगी इक मुसलसल अज़ाब ग़म-ए-ज़िंदगी से मफ़र भी नहीं नज़र मो'तबर है ख़बर मो'तबर मगर इस क़दर मो'तबर भी नहीं Share on: