जुनूँ ख़ुद-नुमा ख़ुद-निगर भी नहीं ख़िरद की तरह कम-नज़र भी नहीं कोई राहज़न का ख़तर भी नहीं कि दामन में गर्द-ए-सफ़र भी नहीं यहाँ होश-ओ-ईमाँ सभी लुट गए मज़ा ये है उन की ख़बर भी नहीं ग़म-ए-ज़िंदगी इक मुसलसल अज़ाब ग़म-ए-ज़िंदगी से मफ़र भी नहीं नज़र मो'तबर है ख़बर मो'तबर मगर इस क़दर मो'तबर भी नहीं तिरी अंजुमन मरकज़-ए-आरज़ू तिरी अंजुमन में गुज़र भी नहीं कहाँ जाएँ 'ताबाँ' गुनहगार-ए-शौक़ सज़ा भी नहीं दरगुज़र भी नहीं