काश ऐसा हो वो मिलने के बहाने आए कुछ सुने मेरी तो कुछ अपनी सुनाने आए उस को देखे हुए इक अर्सा हुआ है मुझ को आए वो प्यास ही आँखों की बुझाने आए देखना चाहूँगी जी भर के उसे कह दो ज़रा उस से कह दो कि मुझे सिर्फ़ सताने आए रूठ सकती हूँ कहाँ उस से मोहब्बत है मुझे और अगर रूठ गई मुझ को मनाने आए मेरा दीवाना था वो उस का यही था दा'वा उस की दीवानगी कैसी है बताने आए मैं ने काटी हैं बहुत हिज्र में उस की रातें उस ने भी काटी हैं गर रातें सुनाने आए कौन क़िस्मत से 'मुनव्वर' कभी लड़ सकता है आए वो देखे मिरी हार रुलाने आए