कहा उस ने मैं हूँ तन्हा उधर सारा ज़माना है कहा मैं ने ज़माना हर तरह का बीत जाना है कहा उस ने कि तुम भी और लोगों की तरह से हो कहा मैं ने तुम्हारा हौसला भी आज़माना है कहा उस ने कि अब तक रास्ते महफ़ूज़ थे लेकिन कहा मैं ने इसी लेकिन का तो सारा फ़साना है कहा उस ने कि मेरे ख़्वाब में तुम साथ थे मेरे कहा मैं ने कि ख़्वाबों को हक़ीक़त भी बनाना है कहा उस ने कि देखो ज़ुल्मतों का साथ मत देना कहा मैं ने हवाओं में दिया रख कर जलाना है कहा उस ने कि मंज़िल और कितनी दूर है 'अनवर' कहा मैं ने हमें इस धुँद कै उस पार जाना है