कमाल देखिए सब का यक़ीं जलाया गया मैं इक चराग़ हूँ मुझ को नहीं जलाया गया ये सानेहा भी किसी बुग़्ज़ की अलामत है मकान छोड़ दिया और मकीं जलाया गया ख़ुदा का इस से बड़ा और क्या करम होगा जहाँ बुझाया था मुझ को वहीं जलाया गया उसे बताना हवा से नहीं जहाँ से बचे कोई चराग़ अगर अब कहीं जलाया गया