करूँगा इश्क़ विरासत का कुछ बताऊँगा नईं मैं इक ग़रीब की बेटी को आज़माऊँगा नईं उन्हें कहो कि बहुत ढेर शोर-ओ-शर न करें मैं डर गया तो कई रोज़ मुस्कराउँगा नईं तसल्ली दूँगा तो मर जाएगी वो लड़की है मैं जाने दूँगा गले से उसे लगाऊँगा नईं उसे ख़बर भी नहीं होगी इतना चाहूँगा उसे पता भी नहीं होगा मैं बताऊँगा नईं ये रास्ता बड़ी मुश्किल से तय किया मैं ने ये फ़ासला है दिलों का इसे मिटाऊँगा नईं तिरा मुतालबा है तेरी याद के आँसू मैं अब के रोया तो आँखों को भी बचाऊँगा नईं और अब की सालगिरह पर प्लान क्या है तिरा और अब की बार तो मैं सामने भी आऊँगा नईं मैं तुझ से आँख मिला कर ग़ज़ल सुनाऊँगा मैं ख़ुद को डूबता देखूँगा और बचाऊँगा नईं