ख़ुद अपने ही हाथों का लिखा काट रहा हूँ ले देख ले दुनिया मैं पता काट रहा हूँ ये बात मुझे देर से मा'लूम हुई है ज़िंदाँ है ये दुनिया मैं सज़ा काट रहा हूँ दुनिया मिरे सज्दे को इबादत न समझना पेशानी पे क़िस्मत का लिखा काट रहा हूँ अब आप की मर्ज़ी है इसे जो भी समझिए लेकिन मैं इशारे से हवा काट रहा हूँ तू ने जो सज़ा दी थी जवानी के दिनों में मैं उम्र की चौखट पे खड़ा काट रहा हूँ