ख़्वाब कहाँ से टूटा है ताबीर से पूछते हैं क़ैदी सब कुछ भूल गया ज़ंजीर से पूछते हैं जाम-ए-जम लाया है घर घर दुनिया के हालात दिल की बातें हम तेरी तस्वीर से पूछते हैं दुनिया कब करवट बदलेगी कब जागेंगे शहर कैसी बातें सोए हुए ज़मीर से पूछते हैं हम से न पूछो किस जज़्बे ने तुम्हें किया नाकाम बादशाह ऐसी बातें अपने वज़ीर से पूछते हैं अहद से कौन मुकर जाएगा तारों को क्या इल्म लिक्खी नहीं जो तू ने उस तहरीर से पूछते हैं 'क़ासिर' ने तो देखा है अब तक फ़ाक़ों का रक़्स जौहरी ताक़त क्या है जौहर-ए-'मीर' से पूछते हैं