खुलेगी नींद ख़्वाबों का घरौंदा टूट जाएगा हक़ीक़त रू-ब-रू होगी तो सपना टूट जाएगा तुम्हें तो चाँद बनना है मिरी तारीक रातों का सितारा तुम नहीं बनना सितारा टूट जाएगा मुझे अपनों या ग़ैरों से कोई शिकवा नहीं लेकिन फ़रेब इतने मिलेंगे तो भरोसा टूट जाएगा मिरा मा'सूम दिल तो फ़ितरतन शीशे के जैसा है मुसलसल वार होने पर तो लोहा टूट जाएगा अभी कुछ वक़्त बाक़ी है शजर पे ज़र्द पत्ते का हवाएँ तेज़ होने से ये पत्ता टूट जाएगा तुम्हें हर हाल में 'मश्कूर' उस को भूल जाना है इरादा तुम नहीं करना इरादा टूट जाएगा