किस की आवाज़ कान में आई दूर की बात ध्यान में आई ऐसी आज़ाद रूह इस तन में क्यों पराए मकान में आई आप आते रहे बुलाते रहे आने वाली इक आन में आई ये किनारा चला कि नाव चली कहिए क्या बात ध्यान में आई इल्म क्या इल्म की हक़ीक़त क्या जैसी जिस के गुमान में आई बात अधूरी मगर असर दूना अच्छी लुक्नत ज़बान में आई मैं पयम्बर नहीं 'यगाना' सही इस से क्या कस्र शान में आई