किस ने ये तस्वीर बनाई बादल पर जियूँ कोई चुनरी लहराई बादल पर जंगल जंगल बस्ती बस्ती ये घूमे देखो थक कर सिलवट आई बादल पर या तो तितली भूली उन पर रंग अपने या रंगों ने हाट लगाई बादल पर शब भर चलता लुकना-छुपना चंदा का दिन में सूरज से रानाई बादल पर बादल में हर मज़हब के रब रहते हैं देखी क्या मज़हब की लड़ाई बादल पर